A poem by Harivansh Rai Bacchan- translated by Meghna Maiti
Beware friends! Everything is for sale here!!!
Sellers may even sell off air; infusing
it in balloons!!!
Truth is sold; lies are sold; every story
is being sold!!!
Spread across every damn sphere, yet
water gets sold in bottles!!!
Never live like a flower;
The day you blossom….you would tear and wither.
If you want to live, live like a stone;
The day you are fed up……you will
turn into a “god”.
ENDS
The real poem:
यहाँ सब कुछ बिकता है , दोस्तों रहना जरा संभाल के !!!
बेचने वाले हवा भी बेच देते है , गुब्बारों में डाल के !!!
सच बिकता है , झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी !!!
तीन लोक में फेला है , फिर भी बिकता है बोतल में पानी!!!
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे... टूट कर बिखर्र जाओगे ।
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए... "खुदा" बन जाओगे ।।
बेचने वाले हवा भी बेच देते है , गुब्बारों में डाल के !!!
सच बिकता है , झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी !!!
तीन लोक में फेला है , फिर भी बिकता है बोतल में पानी!!!
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे... टूट कर बिखर्र जाओगे ।
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए... "खुदा" बन जाओगे ।।
--हरिवंशराय बच्चन
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